राजस्थान के जाडे़जा राजपूतों का इतिहास | Rajasthan Jadeja Rajput History - Rajput History

Latest

•••History Relies On Us•••

Friday

राजस्थान के जाडे़जा राजपूतों का इतिहास | Rajasthan Jadeja Rajput History

➡️राजस्थान के जाडे़जा राजपूतों का इतिहास:- लगभग 15वीं-16वीं सदी मे गुजरात से राजस्थान आये (राजसी)जाडेजा चार - पांच गाँवों मे निवास करते है.. जैसे 1.मुनाबाव 2.समंद का पार 3.रामसर  4.राणार (पाक)5.रतनार (पाक) निवास करते है..। के समय कच्छ स्टेट (भुज) के बाड़ी गांव(Jagir) को लेकर भाईयों के बीच विवाद होने पर उनमे से भीम सिंह जाडेजा राजस्थान की तरफ निकल पड़े रेगिस्तान मे भटकते - भटकते राजस्थान की पश्चिमी सीमा के बाड़मेर जिले के कजलोर गांव (वर्तमान पाक मे )पहुंचे कजलोर सोढ़ा राजपूतों का गांव था ..इतनी दूरी से आये  घोड़ेे पर सवार भीम जी जाडे़जा घोड़े पर बैठे हुऐ खेली (कुंड)घोड़े को पानी पिलाने गये इतने मे ही सोढ़ा राजपूतों की 17-18 साल कन्या ने मेणा (ताना ) देते हुऐ कहा कि रावले के पास मे घोड़े के ऊपर बैठे हुऐ पानी पिला रहे हो जैसे कोई हमारी गायों को कटक शराईयों से युद्ध करके गायों को छुड़ाकर वापिस लेके आओगे क्या ..ऐसे बोलते हुये हाथो मे रस्सी थी वो घोड़े के मार दी ।पर भीम जी जाडेजा को मेणा सहन नही हो पाया संजोग वश उसी दिन शराई (मुस्लिम)लोग सोढ़ा राजपूतों की गायो को चुराकर ले जा रहे थे ..भीम जी जाडेजा को मेणा याद था  भीमजी ने चोरो गायों को छोडऩे को बोला पर शराई लोग ज्यादा थे उन्होंने भीमजी को रास्ते से हटने को बोला पर उस क्षत्रिय योद्धा को ऐसा करना मंजूर नहीं था ।शराईयो और भीमजी जाडेजा के बीच युद्ध शुरू हो उसमे सभी शराईयों को मारकर भीमजी घायल अवस्था मे निचे गिर गये और घोड़ा ऊपर खड़ा नेण डाल रहा है..और उधर सोढ़ो की गाये वापिस रावले पहुंची तब सभी कजलोर गांव वाले अचम्भित थे अपने आप वापिस कैसे आई चोरो का सिर चकरा गया होगा बातें कर रहे है ...इतने उस कन्या ने जिद पकड़ ली गायो का वापिस आना कुछ तो कारण है ..।क्षत्राणी की जिद को देखकर सभी बडे बुजुर्गों ने गायें कौनसे रास्ते आई है देखने का निर्णय लिया ..।वहां जाके देखा तो एक क्षत्रिय योद्धा घायल पड़ा है.।उस कन्या ने जाते ही भीमजी जाडे़जा को पहचान लिया.. उसके बाद भीमजी को कजलोर रावले लेके गये और वैध के पास इलाज करवाया फिर भीमजी को होस आगये ।बाद मे सोढ़ो की कन्या ने वीर योद्धा भीमजी जाडे़जा की वीरता को देखकर रावले मे( घर पे ) भीमजी जाडे़जा से शादी करवाने को बोला और सोढ़ा राजपूतों ने मुनाबाव गांव जागीर और 14 किशबी  जाति के लोग दहेज मे दिये भीमजी जाडे़जा ने केवल ढोली एक कच्छ से लाने का निणर्य लिया क्योंकि उनको कच्छ की राग प्यासी लगती थी ।।मुनाबाव के बाद (राजसी) जाडे़जा  रामसर, समन्द का पार , (राणार ,रतनार पाकिस्तान मे)रहने लगे । मुनाबाव (पाक)  बोर्डर से लगभग पांच सौ मीटर दूरी पर परमार शक्ति माल्हण माताजी मंदिर आज भी बना हुआ है जाडे़जा माताजी को ईष्ट देवी मानते है..।और माताजी मे भरपूर आस्था रखते है.....................................................
Source:- Whatsapp group
Www.raajputhistory.blogspot.com
Dharmrajsinh Jadeja

1 comment:

  1. Ji ham rajd jadeja karib 200 parivar rajsthan Man 8parivar Kutch nakhatrana man rhete he

    ReplyDelete